“सरकारी हैडपंप पर दबंगई – आम जनता प्यास से बेहाल”
“झांसी जिले के मोठ ब्लॉक से हैरान करने वाली एक तस्वीर सामने आई है… जहां एक सरकारी हैडपंप को दबंगई के दम पर निजी समर सिविल से बांध दिया गया है। पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसते ग्रामीण अब सरकारी व्यवस्था से न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं। सवाल ये है कि क्या सरकारी संसाधनों पर दबंगों का ही हक है? और अगर आम आदमी आवाज उठाए, तो क्या उसे गालियां और लाठियां ही मिलेंगी? देखिए ये खास रिपोर्ट।”
“ये तस्वीर है झांसी के मोठ ब्लॉक के बगौनिया गांव की… जहां एक सरकारी हैडपंप पर खुलेआम कब्जा कर लिया गया है। गांव के ही एक दबंग ने आबादी की जमीन में निर्माण कर सिर्फ दीवारें नहीं खड़ी कीं, बल्कि सरकारी पानी के स्त्रोत को भी निजी संपत्ति बना डाला।”
“सरकारी हैडपंप में समर सिविल लगाकर दिन-रात पानी बहाया जा रहा है… नतीजा ये कि पूरा सिस्टम बिगड़ चुका है, और अब हैडपंप से पानी पीने लायक भी नहीं बचा।”
“गांव के निवासी अरविंद्र ने जब इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई… तो जवाब में मिली गालियां, धमकियां और हाथापाई। डर का ऐसा माहौल है कि अब लोग कुछ कहने से भी घबरा रहे हैं।”
“अरविंद्र ने मोठ एसडीएम को लिखित शिकायत देकर समर सिविल को हटाने और दबंगई पर कार्रवाई की मांग की है। लेकिन सवाल यही है कि क्या प्रशासन की नींद अब खुलेगी या ये शिकायत भी फाइलों में दब जाएगी?”
“ये कोई फिल्मी सीन नहीं, हकीकत है – जहां सरकारी पानी पर भी अब दबंगों का अधिकार हो गया है… और जो सवाल उठाए, वो पीड़ित बना दिया जाता है। क्या अब भी प्रशासन मौन रहेगा, या फिर कानून अपने अस्तित्व का अहसास दिलाएगा? जवाब का इंतज़ार है… बहुत लंबा न हो जाए।”
