सिंचाई विभाग की जमीन पर ईंटों का व्यापार, क्या जिम्मेदारों को बड़े हादसे का इंतजार,,,,,

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यह झांसी है…
हां, वही झांसी… जहां रानी लक्ष्मीबाई ने इतिहास रच दिया था।
लेकिन आज उसी झांसी की एक हकीकत आपको झकझोर कर रख देगी।

मामला है झांसी महानगर के वार्ड नंबर 27,
जहां नारायण बाग की तरफ जाने वाले रोड पर—
सड़क किनारे पसरा है एक खतरा…
एक ऐसा खतरा जो रोज़ गुजरते लोगों को डरा रहा है…
और जिम्मेदार विभाग?
वो हैं मौन… बिल्कुल मौन…दरअसल, सिंचाई विभाग की जमीन पर
अस्थाई रूप से ईंटों का व्यापार धड़ल्ले से चल रहा है।
ईंटें… जो सिर्फ मकान नहीं बनातीं,
अब हादसों की वजह बन चुकी हैं।
रोड किनारे लगे ये ढेर,
ना सिर्फ ट्रैफिक में बाधा बनते हैं,
बल्कि आसपास रहने वालों की जान का भी खतरा बढ़ा रहे हैं।

गलियों से स्कूल जाते छोटे-छोटे बच्चे,
जिनके माता-पिता रोज़ एक डर के साये में जीते हैं…
कहीं कोई ट्रैक्टर तेज़ रफ्तार में आकर—
उनकी ज़िंदगी ना छीन ले।

ईंटें लादने वाले ट्रैक्टर फर्राटे भरते हैं…
ना कोई नियम, ना कोई रोक।
सड़क पर दौड़ते ये ट्रैक्टर बन चुके हैं चलते-फिरते खतरे!
और सिंचाई विभाग?
वो चुपचाप तमाशा देख रहा है।
क्यों?
क्या हादसे का इंतजार है?

नगर निगम की गाड़ियां वहां से होकर गुजरती हैं,
पुलिस भी वहां दिखती है—
लेकिन कोई कार्रवाई नहीं!
ना व्यापार हटाया जा रहा है,
ना ही लोगों की सुनवाई हो रही है।
आखिर क्यों?

लोगों की मांग है साफ़—
इस व्यापार को बस्ती से हटाया जाए!
एकांत जगह में शिफ्ट किया जाए,
जहां ना लोगों की जान को खतरा हो,
ना रोज़ ट्रैफिक जाम और डर का माहौल।

ये झांसी है…
यहां शौर्य की कहानियां लिखी गई हैं।
लेकिन आज,
यहां खतरा भी खुलेआम लिखा जा रहा है…
बस फर्क इतना है—
कोई इसे मिटाने वाला नहीं है।

 

अब देखना ये है कि जिम्मेदार कब जागेंगे… या फिर कोई बड़ा हादसा ही उनका अलार्म बनेगा?

News 30 Express
Author: News 30 Express

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