बदलते मौसम में कैसे रखें बच्चों का ध्यान: डॉ सतेन्द्र कुमार
बिजनौर में इन दोनों बदलते मौसम का असर नगर क्षेत्र में दिखाई दे रहा है। नन्हे मुन्ने बच्चों में यह बदलाव बहुत सी बीमारियां लेकर आ रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़े छोटे मरीजों की लंबी लाइन लगी रहती है। लगभग 5 वर्ष तक के नन्हे मुन्ने बच्चों में सर्दी जुकाम और बुखार की परेशानियां हो रही है। रोजाना सरकारी अस्पताल में 100 से 150 सौ तक बच्चे बुखार खांसी जुकाम के आ रहे हैं।
आपको पता तो चले की होली के बाद दिन का तापमान लगातार बढ़ा हुआ है दिन में जहां गर्मी रहती है रात्रि में मौसम ठंडा हो जाता है छोटे बच्चों में वायरल इंफेक्शन निमोनिया खांसी उल्टी जुकाम बुखार दस्त जैसी बीमारियां तेज से बच्चों में फैल रही है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 100 से 150 बच्चे रोजाना बाल रोग विशेषज्ञ के पास उपचार करने पहुंच रहे है। आपको पता तो चले की सरकारी अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सतेन्द्र कुमार ने एचएनएन न्यूज चैनल के संवाददाता से बातचीत में बताया है की मौसम का बदलाव छोटे बच्चों के लिए मौसम सही नहीं है। मौसम में परिवर्तन हो रहा है। दिन में गर्मी और रात को सर्दी हो रही है। उन्होंने बताया कि रात्रि में सफर करते समय अधिक कपड़े पहनकर रखें। सर्दी गर्मी का असर बच्चों को जल्द बीमार करता है। डॉ सुरेंद्र कुमार का कहना है कि सभी लोग बच्चों को खूब मीठा खिलते हैं छोटे बच्चे भी मीठा खूब शौक से कहते हैं। उन्होंने बताया कि ज्यादा मीठा खाने से बच्चों के पेट में कीड़े हो जाते हैं जिससे पेट से संबंधित और बीमारियां पैदा हो रही है। बदलते मौसम में बच्चों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। लगातार अस्पताल में बच्चे की संख्या बीमारी से बढ़ रही है।
कैसे रखें बच्चों के सेहत का ध्यान।
ठंडी में खट्टी मीठी चीज छोटे बच्चों को बिल्कुल नहीं देनी चाहिए। कुरकुरे चिप्स आदि चीजों ना खिलाए तेज हवा में छोटे बच्चों को लेकर बाहर न निकले। जब निकले तो गर्म कपड़े पहनाकर निकालना चाहिए। ज्यादा मीठा छोटे बच्चों को लिए नुकसानदायक हो सकता है। चिकित्सक के बिना कोई भी दवाई छोटे बच्चों को ना दे। पहले चिकित्सक से परामर्श किया जाए। सुबह शाम गर्म कपड़े ही बच्चों को पहनाया जाए बीमारी होने पर तत्काल चिकित्सक को दिखाएं।
