झांसी में तालिबानी सजा: कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल
उत्तर प्रदेश के झांसी से एक और रोंगटे खड़े कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। इस बार तस्वीरें ऐसी हैं जो न सिर्फ इंसानियत को शर्मसार करती हैं, बल्कि सूबे की कानून व्यवस्था पर भी करारा तमाचा लगाती हैं। शाहजहांपुर थाना क्षेत्र के कांडौर गांव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक किशोर को तालिबानी तरीके से सजा दी जा रही है।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किशोर को रस्सियों से बांधकर गांव के ही दर्जनों लोग उसे बेरहमी से पीट रहे हैं। न कोई कानून, न कोई डर… बस भीड़ है और उसका फैसला। यह वही झांसी है, जहां से एक के बाद एक ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं, जो कानून की धज्जियां उड़ाने का खुला ऐलान कर रहे हैं।
क्यों दी जा रही है यह तालिबानी सजा? क्या कसूर था इस किशोर का? और क्या इस प्रदेश में अब फैसले गांव की पंचायतों या दबंगों की भीड़ तय करेगी? ये सवाल अब सिर्फ सोशल मीडिया पर नहीं, पूरे सिस्टम के गाल पर तमाचे की तरह गूंज रहे हैं।
झांसी से हाल के दिनों में कई ऐसे वीडियो वायरल हो चुके हैं, जहां कानून के नाम पर सिर्फ खामोशी है और दबंगई सिर चढ़कर बोल रही है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है — जब वीडियो में सब कुछ साफ दिख रहा है तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? दोषियों को सजा कब मिलेगी?
इस वीडियो में न सिर्फ एक किशोर के साथ बर्बरता दिखाई गई है, बल्कि पूरे समाज में कानून और व्यवस्था के नाम पर डर का माहौल पैदा किया जा रहा है। सवाल ये भी है कि आखिर इन गांवों में प्रशासन की मौजूदगी कहां है?
अगर ऐसे मामलों में प्रशासन आंखें मूंदे बैठा रहेगा, तो फिर अपराधियों का हौसला और जनता का विश्वास—दोनों ही टूट जाएंगे। अब सवाल सिर्फ इस किशोर का नहीं, पूरे सिस्टम की साख का है,
झांसी से आई तालिबानी तस्वीरों पर अब चुप्पी नहीं, कार्रवाई चाहिए।
