आक्रांता की मजार पर लग रहे मेले पर रोक लगाने का पूरजोर माँग….
संभल में सैयद सालार मसूद गाजी की याद में लगने वाले नेजे मेले पर रोक लगाए जाने के बाद से जनपद बहराइच में गाजी की दरगाह पर भी लगने वाले मेले पर रोक लगाए जाने की मांग को लेकर हिंदू संगठनों के द्वारा पुरजोर विरोध किया जा रहा है
विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल एवं हिंदू जागरण मंच के द्वारा मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल को संबोधित विज्ञापन प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से भेज कर जेठ में लगने वाले मेले को रोकने की माग उठायी जा रही है हिंदू संगठनों का कहना है कि अगर प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा इस मेले पर रोक नहीं लगाया जाता है तो भविष्य में बड़ा आंदोलन किया जाएगा,
सैयद सालार मसूद गाजी के इतिहास को लेकर जब जिले के इतिहासकार सत्यभूषण सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि दरगाह के भीतर एक सूर्य कुंड है जिसका जिक्र तुलसीदास ने भी दोहे के माध्यम से किया है उन्होंने यह भी कहा कि सूर्यकुंड पर पारंपरिक मेला हजारों साल पहले से लगता चल रहा है लेकिन मध्यकाल में इसको दरगाह का रूप देकर दरगाह पर मेला लगाने का प्रचलन शुरू किया गया, उन्होंने यह अभी कहा कि मेला जरूर लगना चाहिए लेकिन दरगाह पर नहीं बल्कि सूर्यकुंड पर लगना चाहिए जो सनातन का प्रतीक है हालांकि इस मामले में मुस्लिम पक्षकार का कहना है कि सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर लगने वाले मेले में सबसे अधिक हिंदू समुदाय के लोग जायरीन के रूप में पहुंचते हैं और दरगाह पर माथा टेकते हैं मुस्लिम पक्षकार का यह भी कहना है कि इस मेले की वजह से हजारों लोगों की रोजी-रोटी चलती है सरकार को इसका भी ध्यान देना चाहिए,
इस मामले को लेकर जब जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया तो अधिकारियों ने साफ तौर पर बात करने से इनकार कर दिया, दबी जबान में अधिकारियों का कहना है कि यह सब मामले पारंपरिक है लिहाजा इस पर कुछ भी बोलना उचित नहीं है ।
