मनमानी ग्रामीण पर पड़ रही भारी
उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था मुहैया कराने का लाख दावा कर लें, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग है। ग्रामीण स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाने के लिए पूरे तामझाम के साथ गांवो में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोला गया। उद्घाटन के बाद भी यहां अक्सर ताला लटका रहता है। यह कभी-कभार ही खुलता है। हास्यास्पद यह है कि सेंटर में नियुक्त कर्मियों का महीनो ग्रामीणो ने देखा ही नहीं दिया। इससे आस पास के लोग इलाज सहित अन्य सुविधाओं के लिए आज भी तरस रहे हैं। लोग झोला छाप डॉक्टर से इलाज कराने को मजबूर है, जो मरीजों के इलाज करने के नाम पर जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।
हेल्थ वेलनेस सेंटर ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की घोषणा कागजों तक सिमट कर रह गई है। हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर में मरीजों के लिए डायबिटीज समेत अन्य जांच व चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना था, लेकिन अभी तक सेंटर पर मरीजों को सुविधाएं नसीब नहीं हो रही हैं। गौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मंसूर नगर के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर नियुक्त सीएचओ के केंद्र पर न आने से ग्रामीण परेशान हैं। सेंटर बंद होने से निजी चिकित्सक के शरण में जाने के लिए विवश हो गए हैं। इससे अत्यधिक धन व्यय करना पड़ा। साथ ही ठीक से इलाज भी नहीं हो पा रहा है। ग्रामीण ने बताया कि केंद्र बंद रहने से परेशानी होती है
इस पूरे प्रकरण पर जाओ मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजीव निगम से बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
