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सादगी का पर्याय है गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत…

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रामचरित मानस में एक चौपाई है को अस जग जन्मा जग माही, प्रभुता पाए जाए मद नाहीं , चौपाई के माध्यम से तुलसीदास जी ने बताया है इस संसार में ऐसा कोई पैदा नहीं हुआ जिसको यहां प्रभुता मिलते ही मद ना आया हो लेकिन अपनी सादगी से इस चौपाई के विपरीत जीवंत उदाहरण है भाजपा के गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत जिन्हें गरौठा विधानसभा क्षेत्र वासियों ने दूसरी बार चुनकर विधानसभा भेजा है !
एक तरफ बड़े बड़े गुंडा माफियाओं को जिनका डर सताता है वहीं दूसरी तरफ कोई भी आम आदमी उनका कुर्ता खींच कर अपनी बात उन से कर सकता है ऐसा अनोखा व्यक्तित्व है गरौठा विधायक का !
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जिनकी प्रशंसा खुले मंच से करते हैं ! यह उपलब्धि कोई साधारण बात नहीं है ! इसके पीछे वर्षो का कठिन परिश्रम है, सभी के फोन स्वयं अटेंड करना एवं छूटे हुए कॉलस को वापस लौटाना और सामने वाले व्यक्ति की समस्या का यथोचित निराकरण कराना जिनका स्वाभाविक गुण है समाज सेवा ही जिनका एक मात्र ध्येय है जो सबके लिए सहज उपलब्ध हैं !
गांव, गरीब, किसान, मजदूर, मातृशक्ति आदि के साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, बिजली, पानी, सड़क, व्यापार, संस्कृति आदि अन्य सभी क्षेत्रों में व्यापक उत्थान के आकांक्षी जवाहर लाल राजपूत अपने आचरण से कभी कभी समाज को चौंका कर प्रेरित कर देते हैं ! आज ऐसा ही चौका देने वाला बाक्या सामने आया आज उन्हें समथर के किसी कार्यक्रम में सुबह जल्दी जाकर शामिल होना था
अपने अंग रक्षकों एवं वाहन चालक के आने से पहले अकेले ही झांसी से समथर जाने वाली रोड़वेज में बैठकर समय से कार्यक्रम में शामिल हो गए और समथर से प्राइवेट बस में बैठकर पुनः झांसी वापस आ गए !
लोगों ने अपने साथ विधायक को आम यात्रियों की तरह यात्रा करते देख उनकी सादगी की भूरि भूरि प्रशंसा की और दूसरी तरफ विधायक ने उन भौकाली नेताओं व अराजक तत्वों के साथ उन सभी को सादगी से जीवन जीने का सन्देश दिया है जो थोड़े से पद व प्रतिष्ठा पाकर किसी से सीधे मुंह बात करना भी अपनी इंसल्ट समझते है यह यात्रा निश्चित रुप से समाज को भौकाली जीवन से सहजता व सरलता से जीवन जीने के लिए प्रेरित करेगी !

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Author: admin

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