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देवभूमि बुंदेलखंड”””””आस्था पौराणिक और रहस्यमई कथाएं,,,,,,

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क्‍या यह सच है? इस गुफा का सीधा पाताल लोक से है कनेक्शन, जानें इस आस्‍था के पीछे की कहानी,

धार्मिक स्थलों में एक नाम ऐसा है, जिसको कपिल मुनि के आश्रम के नाम से जाना जाता है.

भारत के मानचित्र में एक से बढ़कर एक अनजान धार्मिक, ऐतिहासिक स्थल है, जो देश, प्रदेश और क्षेत्र वासियों के लिए आज भी विश्वास, धार्मिक आस्था का केंद्र बने हुए है. कई युगों पहले बने इन धार्मिक स्थलों में एक नाम ऐसा है, जिसको कपिल मुनि के आश्रम के नाम से जाना जाता है. अति क्रोधी विष्णु भगवान के पांचवें अवतार माने जाने वाले कपिल मुनि आश्रम में एक ऐसी रहस्यमय और पवित्र गुफा है, जिसको लेकर ये दावा किया जा रहा है कि कपिल मुनि आश्रम वाली इस गुफा का सीधा कनेक्शन पाताल लोक से है. इस रहस्यमयी गुफा को लेकर ये भी दावा किया जा रहा है कि अति क्रोधी कपिल मुनि ने राजा सगर के साठ हजार पुत्रों को पलभर में भस्म कर द‍िया था. इसके बाद कपिल मुनि ने अपने क्रोध को शांत करने के लिए ऋषि मुनियों की तपोभूमि बुंदेलखंड में सदियों से खड़े गगनचुंबी सेहरा पहाड़ में बनी. पाताल लोक से जुड़ी इसी गुफा को अपना आश्रम बनाकर कपिल मुनि आज भी इसी गुफा में भोले नाथ की साधना में लीन है. आखिर क्यों कपिल मुनि के आश्रम में बनी इस रहस्यमई गुफा का सीधा कनेक्शन पाताल लोक से माना जा रहा है. लाख कोशिश के बाद भी सिवाय एक ग्वाला के अलावा दूसरा आज तक क्यों नहीं इस पाताल लोक से जुड़ी गुफा में पहुंच पाया?

– पाताल लोक से जुड़ी इस गुफा में आज भी भगवान शंकर की भक्ति में लीन कपिल मुनि की तपस्या के प्रभाव से गुफा से निकलने वाला पानी क्यों किसानों की फसलों के लिए वरदान साबित होता चला आ रहा है?
– क्यों कई युग पुराने सेहरा पहाड़ में बने इस धार्मिक आस्था का केंद्र कपिल मुनि आश्रम भक्तों की भक्ति का प्रमुख केंद्र माना जा रहा है?

जी हां, हम बात कर रहे है उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में स्थित सेवरा पहाड़ की, जो झांसी शहर मुख्यालय से तकरीबन 75 किलोमीटर दूर अमरौख ग्राम पंचायत में स्थित इस पहाड़ पर शिवजी का मंदिर बना है. जो कपिल मुनि आश्रम के नाम से भी विख्यात है. भगवान विष्णु के 5 वें अवतार कपिल मुनि को मना जाता है. अंकशास्त्र की खोज करने वाले कपिल मुनि ने एक बार क्रोध में आकर राजा सगर के साठ हजार पुत्रों को भस्म कर दिया था. भगवान शिव को अपना आराध्य मानने वाले कपिल मुनि को हम परम तेजस्वी कपिल मुनि को कई नामों से जानते हैं. आइए अब हम आपको कपिल मुनि के आश्रम की महिमा के बारे में बताते हैं. हम आपको बताएंगे कि इस आश्रम के एक एक पत्थर का क्या इतिहास है? सेहरा पहाड़ की गोद में बने कपिल मुनि आश्रम के छह किलोमीटर के दायरे में कितना बड़ा जड़ी बूटियों के हजारों पेड़ पौधे है. आश्रम के आसपास हजारों एकड़ में होने वाली खेती किसानी पर आखिर प्राकृतिक आपदा का कहर क्यों नही टूट पा रहा है?

इस मंदिर की कहानी गौमाता से शुरू होती है. एक प्यारी सी सुंदर गाय हर रोज इस पहाड़ पर स्थित गुफा से निकलकर चरने के लिए एक बरेदी के पास पहुंची थी. बरेदी के मन में एक दिन लालसा जागी की देखें इस गुफा के अंदर क्या है? बरेदी गुफा के अंदर गौमाता को पूंछ पकड़कर पहुंच गया. वहां बरेड़ी मतलब गड़रिया को एक सुंदर सा आश्रम दिखा और उसमें एक महात्मा बैठे हुए मिले. बरेदी ने साधना में लीन कपिल मुनि से कहा कि आपकी गाय हर रोज मेरे पास चरने के लिए आती थी. मुझे अपना मेहनताना चाहिए. संत ने उसे भभूति दे दी. एक कहावत है, ‘भोले की भभूति में है खजाना कुबेर का’ उस चरवाहा को समझ में नहीं आया कि भभूति नहीं बल्कि पूरा खजाना उसे मिल चुका है. जब वह अपने घर पहुंचा तो वह पूरी तरह से मालामाल हो चुका था. कुछ दिन बाद लौटकर दोबारा उसी रहस्यमय गुफा में महात्मा के दर्शन करने आया, तो वहां पर महात्मा नहीं बल्कि सिला मिली और गुफा में पानी भरा मिला. तब से इस स्थान पर पूजा पाठ शुरू हो गया.

कपिल मुनि आश्रम के छह किलोमीटर के दायरे में रहने वाले किसानों का मानना है कि सेहरा पहाड़ में बनी गुफा के जल से उनकी फसलें रोग मुक्त हो जाती हैं. इस गुफा के पवित्र जल को लेकर किसानों का दावा है कि जब किसान अपनी फसलों को कीट पतंगों से बचाने के लिए दवाइयां का प्रयोग करते हैं जब वह दवाइयां कीट पतंगों पर असर नहीं करती इसके बाद इसी पवित्र गुफा के जल का फसलों पर छिड़काव करते हैं. कीट पतंगे खत्म हो जाते हैं. अमरोख गांव के ग्रामीणों का यह भी दावा है कि सेहरा पहाड़ के आसपास की जमीन कभी बंजर नहीं होती. कपिल मुनि तपस्या के प्रतापी दया से पहाड़ के छह किलोमीटर में होने वाली किसानों की फसलों पर कभी भी प्राकृतिक आपदा का प्रकोप नही टूटा.

आश्रम के आसपास कई औषधीय पौधे लगे हैं, जो बड़ी से बड़ी बीमारियों को दूर कर देते हैं. हर सोमवार को यहां पर श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. इसके अलावा शिवरात्रि में यहां मेला का आयोजन होता है. वहीं इस धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र कपिल मुनि आश्रम में खासतौर से शिवरात्रि के दिनों में भारी भीड़ मंदिर में पूजा पाठ करने के लिए उमड़ती है. भक्तों का दावा है कि इस कपिल मुनि के आश्रम में आने के बाद भोले शंकर की पूजा अर्चना करने के साथ-साथ आश्रम में बनी रहस्यमई गुफा के अंदर के पानी को पीने से ही भक्तों का हर संकट दूर होता है. बीमारियां खत्म हो जाती हैं. इस आश्रम में आने वाले हजारों लाखों भक्तों के लिए आश्रम में बनी पाताल लोक से जुड़ी गुफा को देखने की ललक देखते ही बनती है. इस गुफा के बारे में आज भी दावा किया जाता है कि इस गुफा की थाह जानने की कई बार कोशिश की गई. बावजूद इसके महज एक गडरिया के बाद दूसरा कोई भी इस रहस्यमई गुफा के बारे में यह नहीं जान पाया है कि गुफा सेहरा पहाड़ से 1000 फीट ऊपर बनी है और पाताल लोक तक जाती है या नहीं यह रहस्य आज भी बरकरार है.

 

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