news30express

लिफ्टरों और पोक्लैंड मशीनों से चीरा जा रहा है बेतवा का सीना, जिम्मेदार अधिकारी बने तमाशबीन..

Share:

Facebook
Twitter
WhatsApp
Email
Telegram
LinkedIn

 

*टहरौली के कुकरगाँव में लिफ्टरों और पोक्लैंड मशीनों से चीरा जा रहा है बेतवा का सीना, जिम्मेदार अधिकारी बने तमाशबीन*

*सुप्रीम कोर्ट एवं एनजीटी के नियमों की उड़ाई जा रहीं हैं खुलेआम धज्जियाँ*

*वैध खनन की आड़ में किया जा रहा है अवैध खनन, मूकदर्शक बना खनिज विभाग और स्थानीय प्रशासन*

उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था, विकास जैसे विषयों पर खुलकर अपना पक्ष रखने वाली उत्तर प्रदेश की योगी सरकार खनन के मामले पर पूरी तरह से बैकफुट पर नजर आ रही है . इसकी बानगी देखनी हो तो आप झाँसी जिले के टहरौली तहसील के ग्राम कुकरगाँव में चल रहे बालू घाट पर चले आईये। कुकरगाँव में वैध पट्टे की आड़ में चल रहे बालू घाट पर खुलेआम, धड़ल्ले से बेतवा नदी का सीना लिफ्टरों, पोकलैंड मशीनों और जेसीबी मशीनों से चीरकर बालू खनन का काम जारी है। दरअसल टहरौली तहसील के ग्राम कुकरगाँव में खनन पट्ट स्वीकृत हुआ था जहाँ काम कर रहे लोगों ने मोटा माल कमाने के बेतवा नदी के सीने को प्रतिबंधित एक दर्जन से अधिक लिफ्टरों और आधा दर्जन से अधिक पोकलैंड मशीनों से छलनी करना शुरू कर दिया। सूत्र बताते हैं कि इस खुली लूट की जानकारी जिला प्रशासन, खनिज विभाग एवं स्थानीय टहरौली प्रशासन को भी है लेकिन सब कुछ जानकर भी पूरी तरह मूकदर्शक बने हुये सब कुछ देख रहे हैं। आरोप यह भी लग रहे हैं कि यहाँ “बड़े लोगों” के खुले संरक्षण में एनजीटी के नियमों के विरुद्ध बालू का उठान किया जा रहा है। यह सारा काम जिला प्रशासन, खनिज विभाग एवं टहरौली प्रशासन की जानकारी में हो रहा है क्योंकि खनन का पट्टा सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने ही दिया है। ऐसे में सरकार, खनिज विभाग और स्थानीय टहरौली प्रशासन पूरी तरह से आंखें मूंदे हुए है। सुप्रीम कोर्ट एवं एनजीटी के सभी दिशा-निर्देशों को ताक पर रखते हुए बालू खनन के लिए बेतवा नदी की धारा में एक दर्जन से अधिक लिफ्टरों, जेसीबी मशीन और आधा दर्जन से अधिक पोकलैंड मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है जबकि ठेका देते समय ही किए गए अनुबंध में स्पष्ट रुप से यह उल्लिखित होता है कि नदी की धारा में किसी भी मशीन द्वारा बालू का खनन नहीं किया जा सकता। बावजूद इसके बड़ी संख्या में लिफ्टरों, पोकलैंड मशीनों एवं जेसीबी मशीनों के जरिए खनन का काम बदस्तूर जारी है। तस्वीरों में साफ-साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से सरेआम सभी नियमों, दिशा निर्देशों की धज्जियाँ उड़ाते हुए नदी की धारा में लिफ्टरों, पोकलैंड मशीनों और जेसीबी मशीनों के द्वारा बालू खनन का काम जारी है। बड़े लोगों की हनक के आगे सभी जिम्मेदार अधिकारी बौने साबित हो रहे हैं। अब सवाल यह भी है कि यह खनन वैध है या अवैध है इसकी जांच करने वाला भी कोई नहीं है क्योंकि जब सभी दिशा निर्देशों को ताक पर रख दिया गया हो तो वैध और अवैध का सवाल कौन उठा सकता है? हालांकि पिछले महीने इस बालू घाट पर बड़ा खनिज विभाग द्वारा छापा मारा गया था जिसमें, एनजीटी द्वारा प्रतिबंधित चार लिफ्टर जब्त किये गये थे जिसके बाद बालू घाट संचालकों पर बड़ा जुर्माना भी लगाया गया था लेकिन बाबजूद इसके यहाँ सक्रिय बड़े लोग नियम विरुद्ध खनन करने से तनिक भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। कुकरगाँव में चल रहा लिफ्टरों और पोकलैंड मशीनों द्वारा खनन जाहिर तौर पर जिला प्रशासन, खनिज विभाग एवं स्थानीय टहरौली प्रशासन की लापरवाही प्रदेश सरकार के दावों पर पानी फेर रहा है।

बोले जिला खान अधिकारी :- जिला खान अधिकारी भूपेन्द्र यादव ने बताया कि पिछले माह उक्त कुकरगाँव बालू घाट पर कठोर कार्यवाही की गयी थी। जल्दी ही टीम बना कर पुनः घाट का निरीक्षण करवाया जायेगा और अगर कुछ भी नियम विरुद्ध पाया गया तो उचित वैधानिक कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि नियम विरुद्ध खनन कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

admin
Author: admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!