जनपद हाथरस में एक गरीब मजदूर की पत्नी ने उपचार के अभाव में दम तोड़ दिया और सरकार के फरमान की दुहाई देता स्वास्थ्य महकमा कुछ नही कर सका। मृतका के पति की माने तो वह पिछले कई दिन से डाक्टरों के आगे गिड़गिड़ाया, ताकि उसकी जीवन साथी की जान बच सके, मगर वेवस स्वास्थ्य कर्मी कुछ नही कर सके। सुबह उसको पत्नी की दर्दनाक मौत हो गई उसके बाद रोता हुआ पति स्वास्थ्य महकमे को जमकर कोसा जिसको देख कर भीड़ जमा हो गई।रोता बिलखता पति शव वाहन से शव को लेकर अपने गांव चला गया। अब सबल अहम यह है की किया ऐसे ही टीबी के मरीज मरते और भटकते रहेंगे कब तक।
आपको बता दे की थाना हाथरस गेट क्षेत्र के गांव किंदोली निवासी मामूल खान की पत्नी रुखसाना पिछले काफी समय से टीबी रोग की चपेट में आ गई,जिसके उपचार को लेकर वह परेशान था,जिला अस्पताल के टीबी हॉस्पिटल में कोविड एल टू वार्ड बनाए जाने से टीबी के मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया गया है,उसके पीछे की वजह है वार्डो का न होना,मरीजों को सिर्फ दबा मुहैया कराई जा रही है,जिससे मरीजों के सामने काफी परेशानी सामने आ रही है। जबकि एक मात्र टीबी का हॉस्पिटल है पूरे जनपद में,अब गरीब तबके के लोग जाए तो कहा।
बताया गया की मामुल खान अपनी पत्नी को लेकर काफी दिनों से होकर काट रहा था,रात्रि के उसकी हालत अधिक बिगड़ी तो वह हर थक कर फिर टीबी हॉस्पिटल आया मगर उसकी डाक्टरों ने कोई मदद नहीं की उसके बाद वह अपनी पत्नी को लेकर एमरजेंसी आया, यहां डाक्टर ने उसको भर्ती कर लिया,सुबह उसको हालत अधिक खराब हो गई तो उसको अलीगढ़ रेफर कर दिया। पति उसको लेकर अलीगढ़ जा रहा था की रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। पत्नी की मौत हो जाने से कुपित पति अपनी पत्नी के शव को लेकर पुन बागला अस्पताल आ गया और रोते रोते स्वास्थ्य महकमे के सिस्टम पर आरोप लगाते हुए टीबी हॉस्पिटल के डाक्टरों को कोसता रहा। रोते हुए पति को देख कर भीड़ जमा हो गई,कुछ समय वाद सरकारी शव वाहन से वह अपनी पत्नी के शव को अपने गांव ले गया था। इस संबंध में पूछे जाने पर टीबी अस्पताल के एक कर्मचारी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया की जिलाधिकारी को दस बेड की व्यवस्था कराई जाने किया लिखा गया है जल्द व्यवस्था हो जायेगी ताकि लोगो को भर्ती किया जा सके।