गुरसरांय। स्कूली छात्राओं के साथ उनकी पढ़ाई के लिए बने शिक्षा के मंदिर में विद्यालय के प्रमुख कर्ता-धर्ता और प्रशासन की नजर अंदाज के कारण उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और पढ़ाई के नाम पर केवल कालम पूरा किया जा रहा है यह बाकिया खेर इंटर कॉलेज (गर्ल्स विभाग) गुरसरांय (झांसी) का है जहां पर लगभग एक माह होने को है जहां कॉलेज की प्रबंधन कमेटी ने मेला और प्रदर्शनी वालों से मोटी रकम लेकर यहां पर मेला प्रदर्शनी आयोजकों से लेकर मेला प्रदर्शनी लगवा दी जिससे इस विद्यालय में छात्राओं की पढ़ाई नहीं हो पा रही है और विद्यालय का पूरा परिसर माइक के भारी शोर और भारी भीड़ जमा होने से शिक्षण कार्य पूरी तरह का कागजों में चल रहा है वहीं परिसर में अराजक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है बताया गया है की खैर इंटर कॉलेज के प्रबंधन ने 25 जुलाई 2022 तक मोटी रकम लेकर मेला प्रदर्शनी लगवाई थी लेकिन 25 जुलाई निकल जाने के बाद भी मेला प्रदर्शनी लगी हुई है जिससे खैर इंटर कॉलेज बालिका विभाग गुरसरांय में अवस्था का वातावरण तो बना ही हुआ है वही मेला परिसर के कॉलेज ग्राउंड मैं कभी भी बहुत बड़ी अनहोनी हो सकती है क्योंकि मेला प्रदर्शनी आयोजकों ने विद्युत की सीधी खुली लाइन से डोरी डालकर कनेक्शन लिया है जो काफी नीचे झूम रहा है और बरसात के मौसम में कभी भी भीषण करंट से बहुत बड़ा हादसे को निमंत्रण दे रहा है इस संबंध में डिप्टी कलेक्टर गरौठा और कॉलेज के प्राचार्य को पूरी जानकारी है इसके बाद भी 25 जुलाई निकल जाने के बाद मेला प्रदर्शनी नहीं हटाई गई है इससे बच्चों के भविष्य के साथ बहुत बड़ा हादसा होने की आशंका को नजरअंदाज करना कितना बड़ा जोखम हैं सिर्फ और सिर्फ अवैध रूप से पैसा कमाया जा सके इसको लेकर विद्यालय प्रबंधन से लेकर प्रशासन की लचर नीति अपने में स्पष्ट इशारा कर रही है जिला विद्यालय निरीक्षक झांसी से लेकर शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों और प्रशासन द्वारा इस और बच्चों के भविष्य को लेकर तुरंत कार्यवाही और मेला प्रदर्शनी हटवाने के साथ साथ इस अव्यवस्था को फैलाने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करना चाहिए यह मांग कस्बा व क्षेत्र के लोगों ने की है।
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प्राइवेट विद्यालयों, स्कूलों में मनमाफिक प्रवेश के नाम पर हो रही उगाई…….
कस्बा गुरसरांय में व क्षेत्र में प्राइवेट प्राइमरी जूनियर इंटरमीडिएट स्कूल और विद्यालयों में अभिभावकों की जेब से बेहतरीन शिक्षा के नाम पर गैर कानूनी ढंग से मनमाफिक तरीके से प्रवेश और एडमिशन के नाम पर बड़े पैमाने पर धन वसूली हो रही है और ऐसे स्कूल विद्यालयों में ना तो शासन की गाइडलाइन अनुसार छात्रों को बैठने की व्यवस्था है और ना ही पर्याप्त शिक्षक है? और ना ही शिक्षकों की योग्यता को देखा गया है और ना ही शिक्षकों को शासन के नियमोंनुसार वेतन सुविधा आदि दी जा रही है यहां तक कि बैंकों के माध्यम से प्राइवेट स्कूलों में लगे शिक्षकों को वेतन नहीं दिया जाता है और उन्हें बतौर मजदूर से कम पगार दी जा रही है लेकिन आर्थिक संकट के चलते ऐसे शिक्षक मजबूरी में काम करने को मजबूर हैं वही स्कूलों में खेल ग्राउंड पुस्तकालय से लेकर कई प्रकार के सब्जबाग दिखाए जाते हैं इस संबंध में भी जनहित व शासन हित में शिक्षा विभाग से लेकर जिला प्रशासन को युद्ध स्तर पर कार्यवाही की पहल लोगों ने की है।
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रिपोर्ट- कौशल किशोर