प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर असम के पश्चिमी कार्बी आंगलोंग जिला के रोंखांग डेवेलपमेंट ब्लॉक में ग्रामीणों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगभग पाचास घर दिए गए लेकिन सभी घरों का पैसा ग्रामीणों के खाते से ग्राम पंचायत कॉर्डिनेटर दिलीप प्रसाद साह ने हरनाम आंगलोंग गांव के लगभग 20 बेनेफेसरी के घरों को पहला फेज़ का काम करवा के पूरे पैसे अपने निज़ी खातों में लेकर ग्रामीणों के पैसे को हड़प लिया है, ग्रामीणों के खाते में अब एक भी रुपए नही है, ग्रामीणों के मुताबिक ग्राम पंचायत कॉर्डिनेटर दिलीप प्रसाद साह पैसे लेने के बाद गांव में एक बार भी नही गया है, एक बेनेफेसरी जेंग रोंहांग ने बताया है कि दिलीप प्रसाद एक अधिकारी है। और ओ लगातार कहता है कि अगर कम्प्लेन करोगे तो आप का घर नही बनेगा साथ ही घरों में रखा सिमेंट अब पत्थर होगया है, ईंट का भी कुवालिटी घटिया है, ऐसे में अरनाम थेपलोंग गाँव मे ऐसे लगभग 20 घरों को आधे अधूरी अवस्था मे 2 सालो से छोड़ रखा है। और सभी बेनेफेसरी का पैसा निज़ी कामो में लगवा दिया है। साथ ही पुलक इंगही के घर भी आधे अधूरी कर पैसे दिलीप प्रसाद साह अपने निजी खातो में पैसे ट्रांफ़ार करने का आरोप लाग्या है, अब ऐसे में ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि ठेकेदार और अधिकारी के विरुद्ध सरकार तुरन्त करवाई करें।
बड़ा सवाल खड़ा तो यह होता है कि एक अधिकारी रहते हुए इतने बड़े पैमाने पर घोटाला किये लेकिन सरकार अबतक कोई करवाई नही की है। हालांकि इस घोटाले में इंजीनियर और BDO के ऊपर भी घोटाले में समिलित होने का आरोप लग रहा है। कथित तौर पर ग्रामीणों का कहना है कि दिलीप लगातार लोगों को डरा धमका कर रखता है कि BDO और सभी अधिकारियों से मेरा तालमेल है, अगर किसी से भी शिकायत की तो तुम्हारे घर नही बनेगा।
गौरतलब है कि ग्रामीणों ने बीजेपी के मेम्बर ऑफ़ ऑटोनोमस कौंसिल (MAC) रीना तेरोंगपि से ऊमीद लगाएं हुए हैं, की जब भी ये गाँव मे आएंगी तो इसे देख ठेकेदार और ब्लॉक के अधिकारी दिलीप प्रसाद साह पर उचित करवाई करेंगी लेकिन चुनावी वादों के अनुसार आवास तो मिल गई। लेकिन आधे अधूरी है। अब ये ग्रामीण इसी उमीद पर आस लगाए हुए हैं। कि हमारे जनप्रतिनिधि इसी ख़बर देखने के बाद जरूर गांव में आकर घरों की हालत देख दोशियों पर करवाई करेंगी।