उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही प्रवासी मजदूरों को लेकर कितने भी गंभीर क्यों न हो लेकिन उन्हीं के अफसरान उनके अथक प्रयासों को ठिकाने लगाने में कोई कसर बांकी नही छोड़ रहें हैं। कुछ दिनोें पहले औरैया जनपद में होने वाली सड़क दुर्घटना को लोग ठीक से भूले भी नही पाए थे की वहीं महोबा में देर शाम होने वाले सड़क हादसे में 03 प्रवासी मजदूरों ने अपनी जांन गंवा करा जनता को एक बार फिर झंझोर कर रख दिया है। आम आदमी को हिला कर रख देने वाली इस घटना ने सरकारी मशीनरी को सवालों के कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है झांसी से अपने गृह जनपद महोबा लौट रहे प्रवासी कामगारों को मध्यप्रदेश की सीमा पर कदम रखते ही हरपाल पुर पुलिस द्वारा ट्रक में बैठाकर महोबा के लिए रवाना कर दिया गया था। के्रशर के सामान से भरे इस ट्रक को झांसी मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग के जरिए महोबा भेजा गया था। दो दर्जन से अधिक प्रवासी मजदूरों को यह सफर तब मंहगा पड़ गया जब ट्रक का टायर फट जाने के चलते अनियंत्रित होकर यह ट्रक पलट गया। जनपद महोबा के पनवाड़ी थानाक्षेत्र में होने वाली इस हादसे के दौरान तीन प्रवासी महिला मजदूरों ने घटना स्थल पर ही दम तोड़ दिया तो वहीं गंभीर रूप से घायल तीन अन्य प्रवासी कामगारों को झांसी मेडिकल कालेज के लिए प्रशासन द्वारा रवाना कर दिया गया। देर शाम होने वाली इस दुर्घटना ने जहां प्रवासी मजदूरों के प्रति बरती जाने वाली सरकारी लापरवाही की पोल खोल कर रख दी है तो वहीं अभी हाल ही मे प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा निजी वाहनों के जरिये प्रवासी मजदूरों के सफर पर प्रतिंबंध लगाए जाने जैसी घोषणा को भी हवा हवाई साबित कर डाला है। इस पूरी घटना पर भले ही जनपद में काबिज हुक्मरान इसे एक हादसे के रूप में देख रहें हैं तो वहीं प्रवासी मजदूरों से भरे इस ट्रक ने जनपद की सीमा लांघकर अपने आप में बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।