फ़तेहपुर जनपद के खागा कोतवाली क्षेत्र के सरसई बुजुर्ग गांव में बबूल का पेड़ काटने को लेकर हुए विवाद में घायल अधेड़ की बीती रात्रि मौत हो गई। पुलिस ने रात में शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
सरसई बुजुर्ग गांव निवासी 46 वर्षीय रामकेदार मौर्य पुत्र गूड़े मौर्य खेती से पत्नी निर्मला व दो पुत्रों का भरण-पोषण करता था। तीन दिन पहले आए तेज तूफान में रामकेदार मौर्य का बबूल का पेड़ गिर गया था। पड़ोसी व पारिवारिक रमेश मौर्य के मकान में पेड़ जाकर टिक गया। जिसको रमेश व उसके पुत्र गोलू ने मिलकर काट डाला। पेड़ काटने का रामकेदार ने विरोध जताया तो दोनों के बीच कहासुनी हो गई। गुरुवार सुबह मोहल्ले के लोगों ने दोनों परिवारों के बीच समझौता करा दिया। अपराह्न दो बजे करीब रामकेदार मौर्य खेतों में बोई फसलों की निगरानी करने गया था। पत्नी निर्मला देवी उसे खेतों पर खाना देने गई थी। इसी दौरान रमेश मौर्य, उसके पुत्र गोलू, संदीप पुत्र बुद्दी मौर्य, पप्पू पुत्र अंबल मौर्य व धीरेंद्र यादव-अजनई ने रामकेदार मौर्य को घेरकर लाठियों से पीटना शुरू कर दिया। पत्नी निर्मला ने बताया कि वह हमलावरों से पति को छोडऩे के लिए गिड़गिड़ाती रही। हमलावरों ने उसकी एक न सुनी। पति को मरणासन्न हालत में छोड़कर हमलावर वहां से निकल गए। घायल अवस्था में रामकेदार मौर्य को स्वजन कोतवाली लेकर पहुंचे। पुलिस ने घायल को सीएचसी भिजवाया। स्वजन आराम देखकर उसे घर लेकर आ गए। जहां रात में घायल अधेड़ की मौत हो गई। पुलिस को घटना की जानकारी मिली तो सीओ अंशुमान मिश्र, कोतवाली प्रभारी सतेंद्र सिंह मय फोर्स गांव पहुंचे। रात दो बजे पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। म्रतक के पुत्र सुनील ने हमलावरों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया है।