वाराणसी। लॉकडाउन में देश के कोने कोने से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिये वाराणसी पहुंच रहे प्रवासियों को उनके जिलों तक पहुंचाने वाले बस ड्राइवरों का धैर्य आखिरकार जवाब दे गया है। बस चालकों ने इसके बाद वाराणसी कैंट स्टेशन के सामने धरना शुरू कर दिया। इनका आरोप है कि परिवहन विभाग के आलाधिकारी अपने बस ड्राइवरों से जी–तोड़ काम तो करवा रहे हैं मगर उनके खाने पीने का बिल्कुल भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है।
धरनारत ड्राइवरों की मानें तो उन्हें सुबह सात बजे वाराणसी रेलवे स्टेशन बुला लिया जा रहा है, लेकिन अधिकारियों को इस बात की जरा भी परवाह नहीं है कि जो ड्राइवर गाड़ी लेकर दूर दूर के जनपदों तक जा रहे हैं उन्होंने खाना खाया है या नहीं।
ड्राइवरों की मानें तो प्रवासियों को लेकर उन्हें उत्तर प्रदेश के विभिन्न दूर दराज के जिलों तक की यात्रा करनी पड़ रही है। इस दौरान रास्ते में न तो कोई ढाबा खुला है और ना ही विभाग की ओर से ही उनके लिये कोई व्यवस्था की जा रही है। कहीं किसी जनपद में सड़क किनारे कोई स्वयंसेवी दल उन्हें बिस्किट पानी दे दे रहा, वही खा–पीकर वह प्रवासियों को उनके गंतव्य तक पहुंचा रहे हैं, मगर अब ऐसा नहीं होने वाला है।
सैकड़ों की संख्या में इकट्ठा और बेहद गुस्से में भरे रोडवेज बस ड्राइवरों ने कैंट स्टेशन के बाहर धरना देते हुए परिवहन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है। ड्राइवरों की मांग है कि विभाग के आलाधिकारी उनसे मिलने आयें और सिर्फ उनके ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में जहां जहां भी रोडवेज के बस चालक प्रवासियों को लाने ले जाने का काम कर रहे हैं उनके खाने पीने की मुकम्मल व्यवस्था की जाए।
चालकों ने चेतावनी दी है कि जबतक उनके खाने पीने की सही व्यवस्था विभाग की ओर से नहीं की जाती है तबतक वे बस लेकर कहीं नहीं जाएंगे। चाहे प्रवासियों की ट्रेन आ जाए और प्रवासियों को बसों में ही इंतजार करना पड़े