Editor in chief Dherendra Raikwar
झांसी जिला के विकास खण्ड ब्लाॅक मोठ अन्तर्गत स्वच्छ भारत अभियान के तहत ग्राम पंचायत अटा में बनाया गया शौचालय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। अधिकारियों की अनदेखी के चलते इसके निर्माण में अनियमितता बरती गई। हालांकि अभी तक यह शौचालय चालू भी नहीं हुआ था लेकिन भ्रष्टाचार ने इसकी दीवारों को हिला डाला,इससे दीवारों में दरार आ गई हैं। अब अधिकारी मामले की लीपापोती कराने में जुट गए हैं।सरकार ने गांवों में सामुदायिक शौचालय इसलिए बनवाए थे कि कोई भी ग्रामीण खुले में शौच न जाए। लेकिन कुछ अधिकारियों और ग्राम प्रधान की लापरवाही सरकार की इस योजना को पलीता लगा रही है। गांव अटा में लाखों रुपये खर्च कर सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था।
लेकिन भ्रष्टाचार के चलते इसमें घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया। बता दें कि अभी तक यह शौचालय सही प्रकार से चालू भी नहीं हो सका था। लेकिन भ्रष्टाचार की नींव पर रखी इस शौचालय की दीवारे कुछ महीने बाद ही दरक गई हैं। जिससे यहां से गुजरने वाले लोग इस शौचालय को देखकर सरकार की योजनाओं का मजाक उड़ा रहे हैं। इतना ही नहीं इस शौचालय में जो गड्ढे बने हैं उसको अभी सही से ढका भी नहीं गया है और बाहर से रंग रोगन करवा कर इसको कागज में पूर्ण करा लिया गया है।नाराज ग्रामीणों का आरोप है कि जब शौचालय का निर्माण हो रहा था उस समय किसी भी उच्चाधिकारी ने निर्माण सामग्री पर ध्यान नहीं दिया। ग्राम पंचायत सचिव और प्रधान दोनों के द्वारा शौचालय के निर्माण में भारी अनियमितता की गई।जब इसकी दीवारों में दरारें आ गई हैं तो अधिकारी दरारों को छिपाने के लगे